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विचार मंच न्यूज़

विवेक कुमार पत्रकार, स्क्रिप्टराइटर, नाटककार, निर्देशक ओम पुरी चले गए. अपने घर में मरे पड़े मिले. नितांत अकेले. इतना खरा आदमी था कि मौत में बीमारी या दर्द की मिलावट नहीं की. ऐसे आदमी को कैसे याद किया जा सकता है, शायद उनकी बुरी फिल्में देख कर.ओम पुरी एक भरोसे का नाम थे. भरोसा कि बदशक्ल इंसान पर्दे पर अच्छा लग सकता

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


क़मर वहीद नक़वी स्तम्भकार, raagdesh.com मुझे याद है कुछ साल पहले राजस्थान के किसी संग्

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


<p style="text-align: justify;">'हफ्ता भर पहले IBN 7 न्यूज चैनल से भाजपा में आए शलभमणि का नाम 27 प्रवक्ताओं की सूची में पहले नंबर पर है। हर किसी को चुनावी राजनीति में किस्मत आज़मानी चाहिए। कोई पत्रकार ग़ैर भाजपा दलों में जाता तो उनके पीछे अनगिनत ऑनलाइन मच्छर छोड़ दिये जाते। ऑनलाइन गैंग वॉट्सऐप की दुनिया में बवाल मचा देता कि पहले पत्रकारिता बेच रहे

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


जयंती रंगनाथन सीनियर फीचर एडिटर  हिन्दुस्तान ।। लाल पत्तियां

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


समाचार4मी‍डिया ब्यूरो ।। राज्यसभा टीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ गुरदीप सिंह सप्पल ने गुरु गोविंद सिंह को हिन्दुत्व का रक्ष‍क (protector) और इस्लाम धर्म का दुश्मन (enemy) बताने वाला बधाई संदेश भेजने वालों को को निशाने पर लिया है। सप्पल का कहना है कि चीजों को सही परि

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


<p style="text-align: justify;">'किसी को नहीं पता कि जांच एजेंसियां कुछ मामलों में सुस्ती और कुछ में तेजी क्यों दिखाती है उसी तरह यह भी अज्ञात है कि अदालतें और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट भी ऐसा क्यों करता है?' हिंदी अखबार दैनिक जागरण में प्रकाशित अपने आलेख के जरिए ये कहा वरिष्ठ पत्रकार व असोसिएट एडिटर राजीव सचान ने। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते है

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


‘नि:संदेह डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देना एक अच्छा विचार है, लेकिन इसके लिए अभी जरूरी बुनियादी ढांचा नहीं बन सका है। इसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि लेन-देन के लिए नकदी का इस्तेमाल भारतीयों की एक आदत है।’ इसी संदर्भ में ‘दैनिक जागरण’ में इसी अखबार के प्रधान संपादक संजय गुप्त का एक आलेख प्रकाशित हुआ है, जिसे आप

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


राजेश बादल एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर,  राज्यसभा टीवी ।। चुनावचिन्ह ,धर्म और चुनाव आयोग

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


नीति शून्यता (पॉलिसी पैरालिसिस) जवाब नीति रोमांच (पॉलिसी एडवेंचरिज्म) की हरगिज नहीं हो सकता...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago



अंशुमन तिवारी वरिष्ठ पत्रकार न होती नोटबंदी तो... डिमॉनेटाइजेशन में क्‍या ऐसा है जो हमें इसकी मंशा पर नहीं बल्कि इसे नतीजों को लेकर बहुत अााश्‍वस्‍त नहीं कर

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


<p style="text-align: justify;">'सवाल यह है कि जिस प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था एक सप्ताह तक चले सांप्रदायिक दंगे को नहीं रोक पाई, जो व्यवस्था दंगे शुरू होने के बाद चार दिनों तक किसी को हिरासत में नहीं ले पाई, उसी व्यवस्था ने 40 घंटे के अंदर एक राष्ट्रीय चैनल के संपादक, रिपोर्टर और कैमरापर्सन पर वास्तविक स्थिति की रिपोर्टिंग करने के कारण गैर-जमानती

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


आलोक मेहता  प्रधान संपादक, आउटलुक (हिंदी) ।। नव वर्ष में ‘अंगूठा छाप’ स्वागत स्वागत, अभिनंदन, जयकार, हर्षनाद- 2017 की अगवानी के लिए। भारत दुनिया भर के देशों

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


( ये लेख वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है। इसकी हेडलाइन हमने बदली है, बाकी लेख हूबहू हम पेश कर रहे हैं।) एक शिखर पुरुष के बिना भारतीय जनता पार्टी राजेश बादल

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


निर्मलेंदु एग्जिक्यूटिव एडिटर दैनिक राष्ट्रीय उजाला ।।  पूरे नहीं हुए पीएम मोदी के वादे? पूरे हुए नोटब

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


डॉ. वेदप्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार ।। दिल्ली की एक बैंक में मायावती की बसपा का एक खाता पकड़ा गया है, जिसमें नोटबंदी की घोषणा के दो दिन बाद ही 104 करोड़ रु. जमा हुए। अब इस खाते की जांच होगी। क्या खाक जांच होगी? बस

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


हिंदी पत्रकारिता का एक जाना-माना चेहरा पत्रकार आलोक तोमर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो आज भी हमारी यादों में जिंदा हैं। 20 मार्च को उनकी पांचवी पुण्यतिथि पर अपने ब्लॉग ‘यायावर’ के जरिए हिंदी दैनिक ‘राष्ट्रीय सहारा’ छत्तीसगढ़ के ब्यूरो प्रमुख और लेखक रमेश शर्मा ने कुछ इस तरह से याद किया। आज उनकी जयंती के मौके पर आप एक बार फिर पढ़िए पूरा आलेख

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago


‘न जाने कितने ऐसे पत्रकारों की हत्याएं हो चुकी हैं। कुछ हत्याएं सुर्खियां बन गई, और कुछ की रात के अंधेरे में कीमत चुका दी गई। यह पेशा काफी चुनौती भरा है, जिसे कुछ लोग ही करना चाहते हैं। आइए, हम आपको कुछ ऐसी और घटनाओं के बारे में बताते हैं, जहां रिपोर्टिंग करना, बिल्कुल काल के गाल में समाने जैसा था।’ हिंदी वेबपोर्टल ‘

समाचार4मीडिया ब्यूरो 7 years ago