RAJESH BADAL
RAJESH BADAL

पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।
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पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।


कैसे-कैसे मंज़र सामने आने लगे हैं/गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं/अब तो इस तालाब का पानी...

राजेश बादल 5 years ago

स्थिति विकट है। बंटवारा खुलकर सामने आ गया है। यह मेरा चैनल, वह तेरा...

राजेश बादल 5 years ago

हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव मीडिया को भी आगाह करने वाला...

राजेश बादल 5 years ago

सत्तर साल नहीं बंटी, पत्रकारिता अब बंट गई। मतभेद होते थे, पर ऐसे न...

राजेश बादल 5 years ago

बुधवार को सारी दुनिया रेडियो दिवस मना रही है। भारत में भी यह माध्यम एक सदी का सफ़र...

राजेश बादल 5 years ago

फरवरी के पहले सप्ताह में अंतरिम बजट और बंगाल-केंद्र सरकार के बीच रस्साकशी...

राजेश बादल 5 years ago

मैंने पिछले कॉलम में देश के स्ट्रिंगर्स की दयनीय स्थिति और कुछ टीवी चैनलों के...

राजेश बादल 5 years ago

चोरी न करें, झूठ न बोलें तो क्या करें? चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे शाम को...

राजेश बादल 5 years ago

आत्ममुग्ध हैं फ़िल्मवाले। भ्रम में हैं। सोचते हैं कि बड़े परदे पर कुछ भी...

राजेश बादल 5 years ago

क़रीब तीस बरस पुरानी बात है, जब देश के बहुत बड़े मीडिया घराने ने फ़ैसला किया...

राजेश बादल 5 years ago

अच्छा लगता है, सुनने-कहने में अच्छा लगता है, हिन्दुस्तान का चैनल उद्योग...

राजेश बादल 5 years ago

चैनल इंडस्ट्री विराट हो रही है। राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, प्रादेशिक और स्थानीय चैनलों की...

राजेश बादल 5 years ago

एक ज़माना था, जब अंग्रेजी के सामने हिंदी दोयम दर्ज़े की भाषा मानी...

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चुनाव आते हैं तो चैनलों की बांछें खिल जाती हैं, टीआरपी को उछलने का मौका...

राजेश बादल 5 years ago

क्या होता जा रहा है हमें? कुंद और संवेदनहीन होने की अवस्था की...

राजेश बादल 5 years ago

चैनलों पर सवार, चुनाव का बुख़ार/ सोशल मीडिया का चुनावी अवतार/ सच्ची और झूठी...

राजेश बादल 5 years ago

बहार है। नए-नए चैनलों की भरमार है। तस्वीर चमकदार है। प्रोफेशनल्स की दरकार...

राजेश बादल 5 years ago

अजब ग़ज़ब दुनिया है हमारे चैनलों की। नेशनल चैनल और रीजनल चैनलों के परदे का कंटेंट...

राजेश बादल 5 years ago

जी हां! मुझे पता है, शीशा टूटेगा/ लेकिन पत्थर सा सन्नाटा टूटेगा/ बाहर वाले...

राजेश बादल 5 years ago