पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।
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पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।
बंगाल विधानसभा में जीत के बाद ममता बनर्जी अलग अंदाज में हैं। वे अपने प्रदेश के पत्रकारों से कह रही हैं कि अगर उन्हें विज्ञापन चाहिए तो सरकार के पक्ष में लिखें।
राजेश बादल 2 years ago
संसद में पत्रकारों के एक बड़े वर्ग को अपना कर्तव्य निभाने से रोक दिया गया है। प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पत्रकारों के संगठन इससे खफा हैं।
राजेश बादल 2 years ago
अजीब सा नजारा था। अरसे बाद या शायद पहली बार मीडिया के अनेक अवतार पिछले दिनों इस तरह विलाप करते दिखाई दिए।
राजेश बादल 2 years ago
आर्यन प्रसंग बीते दिनों मीडिया में छाया रहा। बॉलीवुड के एक सुपरस्टार का बेटा होने के कारण अखबारों, टीवी चैनलों और डिजिटल माध्यमों के तमाम रूपों में खबर तो बननी थी।
राजेश बादल 2 years ago
तो सियासत की तरह पत्रकार बिरादरी भी बेशर्मी की हद पार करने लगी। यह सिलसिला कहां जाकर रुकेगा, कोई नहीं जानता।
राजेश बादल 3 years ago
भारतीय संसद का नया टेलिविजन चैनल शुरू हो चुका है। करीब एक दशक तक ‘राज्यसभा टीवी‘ और डेढ़ दशक तक ‘लोकसभा टीवी‘ पर लगभग एक हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद उन्हें ‘स्वर्ग की सीढ़ी’ दिखा दी गई।
राजेश बादल 3 years ago
अजीब सा भयावह दौर है। अब हमारी पीढ़ी का नंबर लग गया। हम लोग इतने बूढ़े हो गए या फिर नियति हमारे प्रति ज्यादा ही क्रूर हो गई।
राजेश बादल 3 years ago
पेगासस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय की उलझन समझ में आने वाली है। हुक़ूमते हिन्द ने अपना उत्तर देने से इनकार कर दिया है। सॉलिसिटर जनरल का एक तर्क किसी के पल्ले नहीं पड़ा।
राजेश बादल 3 years ago
इन दिनों राष्ट्रभाषा हिंदी के बारे में अनेक स्तरों पर जानकार विलाप करते नजर आते हैं।
राजेश बादल 3 years ago
इन दिनों अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने हिन्दुस्तानी पत्रकारिता की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। दो दशक से उस खूबसूरत पहाड़ी मुल्क में आजाद ख्याल की अखबारनवीसी पनपी है
राजेश बादल 3 years ago
सबकी किस्मत एक जैसी नहीं होती। चाहा हुआ कभी पूरा होता है क्या? हां, यह जरूर हर इंसान को लगता है कि उसकी जिंदगी में ही सबसे ज्यादा गम हैं।
राजेश बादल 3 years ago
देश के सबसे अधिक संस्करणों वाले समाचारपत्र ‘दैनिक भास्कर’ और लखनऊ के प्रादेशिक टीवी चैनल ‘भारत समाचार’ पर आयकर विभाग के छापे सुर्खियों में हैं।
राजेश बादल 3 years ago
चंद रोज पहले मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने ‘कानून का राज’ विषय पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान एक बात बड़े मार्के की कही।
राजेश बादल 3 years ago
हिन्दुस्तान के पड़ोस से आ रहीं मीडिया से जुड़ी खबरें डराने वाली हैं। खास तौर पर पाकिस्तान और चीन में निष्पक्ष पत्रकारिता करना खतरे से खाली नहीं है।
राजेश बादल 3 years ago
कमाल है। ऐसे पत्रकार तो कभी नहीं थे। हर सूचना को सच मान लेना और उसके आधार पर निष्कर्ष भी निकाल लेना कौन सा पेशेवर धर्म है?
राजेश बादल 3 years ago
हाल ही में इंदौर का एक परिवार उजड़ गया। एक चर्म रोग विशेषज्ञ ने इंदौर विश्वविद्यालय की एक प्रोफेसर, उसके पति और बेटे का कोरोना का इलाज शुरू कर दिया।
राजेश बादल 3 years ago
पत्रकारों पर कोरोना काल कहर बनकर टूटा है। अपने फर्ज को अंजाम देते हमारे अनेक साथी शहीद हुए हैं।
राजेश बादल 3 years ago
बीते दिनों अखबारों के पन्नों, टेलिविजन और सोशल मीडिया के तमाम मंचों पर कवरेज में कोरोना का खौफ दिखाई देने लगा है।
राजेश बादल 3 years ago
पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि का बयान बेहद गंभीर बहस की मांग करता है। तीन दिन पहले अपने चार पन्ने के बयान में दिशा ने पत्रकारिता को जमकर कोसा है।
राजेश बादल 3 years ago