पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।
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पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।
तो फैसला हो ही गया। दो-ढाई बरस से इस पर कवायद चल रही थी कि भारत की संसद को आखिर दोनों सदनों के लिए अलग-अलग चैनल क्यों चाहिए?
राजेश बादल 3 years ago
22 बरस की दिशा रवि को दिल्ली की एक अदालत से जमानत सुखद खबर है। यह असहमति के सुरों की रक्षा के लिए सही समय पर आया सही फैसला है।
राजेश बादल 3 years ago
अपने जमाने के मूर्धन्य पत्रकार माधवराव सप्रे की कर्मस्थली छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में उनकी स्मृति में आयोजित सप्रे संवाद में मुख्य वक्ता के तौर पर हिस्सा लेने का अवसर मिला।
राजेश बादल 3 years ago
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वछंदता का अंतर अब भारत का सुप्रीम कोर्ट समझा रहा है।
राजेश बादल 3 years ago
भारतीय पत्रकारिता के तमाम रूपों में इस नेक व्यवसाय की आड़ में ऐसी ढेरों कलंक कथाएं बिखरी पड़ी हैं।
राजेश बादल 3 years ago
अजब दौर है। भारतीय पत्रकारिता का अंधकार युग। कब तक चलेगा? कोई नहीं जानता। विचार और निरपेक्ष-निर्भीक विश्लेषण की क्षमता खोते जाने का नतीजा क्या होगा।
राजेश बादल 3 years ago
लगातार दो दिन। दिल दहलाने वालीं वीभत्स और जघन्य तस्वीरें अखबारों के पन्नों पर छपीं। एक घटना राजस्थान की थी।
राजेश बादल 3 years ago
गुरुवार को एक खबर भारत की प्रतिष्ठित एजेंसी ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ से प्रसारित हुई। इसके मुताबिक भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में एयर स्ट्राइक की है।
राजेश बादल 3 years ago
मुंबई में रिपब्लिक टीवी के संपादक अरनब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारिता जगत में एक नई बहस चल पड़ी है
राजेश बादल 3 years ago
भारत में संपादकों की सबसे बड़ी संस्था एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ऐतिहासिक मोड़ पर है। पहली बार इसने अपने अध्यक्ष और महासचिव को बाकायदा मतदान के जरिए चुना
राजेश बादल 4 years ago
एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। टीआरपी की होड़ में परदे के पीछे भी कुछ-कुछ होता है, दर्शकों को यह पता चल रहा है।
राजेश बादल 4 years ago
भगत सिंह जिसने असेंबली में बम फेंका था और हंसते हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। अगर आप भी यही जानते हैं तो माफ़ कीजिए आप सरदार भगत सिंह को रत्ती भर नहीं जानते।
राजेश बादल 4 years ago
राज्य सभा का मानसून सत्र करीब एक सप्ताह पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया, लेकिन बीते दिनों राज्य सभा में जो भी हुआ, वह बेहद शर्मनाक है।
राजेश बादल 4 years ago
तो वह घड़ी आ ही गई। अब हाई कोर्ट भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को केंद्र सरकार के नियंत्रण में लाने के पक्षधर दिखने लगे हैं।
राजेश बादल 4 years ago
अमेरिका से खबर है कि सीएनएन के पत्रकार जिम अकोस्टा को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों से इतनी धमकियां मिलीं कि उन्हें निजी सुरक्षा कर्मी रखने पर मजबूर होना पड़ा
राजेश बादल 4 years ago
कुछ दशक पहले तक भारत के चिकित्सा क्षेत्र में विशेषज्ञ या वर्गीकृत सेवाओं का व्यापक विस्तार नहीं था। एक एमबीबीएस डॉक्टर को लोग सारे दुखों की एक दवा समझ लेते थे। गांवों में तो आज भी यह प्रचलन में है।
राजेश बादल 4 years ago
किस दौर में आ पहुंचे हैं हम? जैसे जैसे आधुनिक संचार साधनों को अपना रहे हैं, वैसे वैसे खुद को अभिव्यक्त करने में शालीनता भी भूल रहे हैं
राजेश बादल 4 years ago
अभी तक खबरिया चैनल अपने दर्शकों से दुश्मनी निकाल रहे थे। अब उन्हें एक नया विरोधी मिल गया है।
राजेश बादल 4 years ago
जिस एजेंसी का नाम लेते ही हम मीडिया के लोग गर्व से भर जाते थे, वह अब राष्ट्रद्रोही ठहराई जा रही है। पीटीआई हिंदुस्तान ही नहीं, समूचे संसार में सबसे बड़े नेटवर्क वाली संस्थाओं में से एक है।
राजेश बादल 4 years ago
बीते सप्ताह गलवान में चीन के साथ खूनी संघर्ष मीडिया के सभी रूपों में छाया रहा। इस दरम्यान शुरू के तीन-चार दिन तक चीन के बयान एक के बाद एक आते रहे और भारतीय अधिकृत बयान आने में कुछ समय लगा।
राजेश बादल 4 years ago