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विचार मंच न्यूज़

‘इस समय भारत और पाकिस्तान के नेताओं ने जो रास्ता पकड़ा है, उन्हें उस पर डटे रहना चाहिए। अब भारतीय खोजी दल को पाकिस्तान जाना चाहिए। दोनों देशों की जनता और नेताओं को टीवी और अखबारी प्रचार को एकदम सच नहीं मान लेना चाहिए। पाकिस्तान पत्रकार यों तो काफी निर्भीक होते हैं लेकिन कोई आश्चर्य नहीं कि वे फौज के इशारे पर निषेधात्मक खबरें भी फैलाने से नहीं चूकते

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘मैंने उस सज्जन से नाम पूछा। उन्होंने कहा, मैं आपको वर्षों से जानता हूं। मेरा नाम विक्रम अग्निहोत्री है। मेरे पिता विनयकांत अग्निहोत्री हैं। वे पुलिस के बड़े अधिकारी रहे हैं। वे आपसे कई बार मिले हैं। विक्रम के इन दो-तीन वाक्यों ने मुझे जरा सहज कर दिया। विक्रम ने फिर अपनी कहानी सुनाई।’ हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में प्रकाशित अपने आलेख के जरिए इस

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘कागज के अखबार का एक फायदा यह है कि उसे आप कितनी बार पढ़ सकते हैं, जैसा चाहे मोड़कर रख सकते हैं, लेकिन जब-जब मैंने ऑनलाइन अखबार पढ़ा, तब-तब मुझे कष्ट हुआ। ऑनलाइन में विज्ञापन क्षण-क्षण बदलते हैं। ये मुझे डिस्टर्ब करते हैं।’ हिंदी पत्रिका ‘कादम्बिनी’ में प्रकाशित अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार व मीडिया विशेषज्ञ सुधीर पचौरी का। उनका पूरा

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


  ‘दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी टीवी चैनलों का अपना एक महत्व है, लेकिन वे इस मुगालते से बाहर निकल आएं तो बेहतर होगा कि देश को वही चला रहे हैं और राष्ट्रीय विमर्श का एजेंडा तय करने की जिम्मेदारी उन्हें ही मिल गई है।’ हिंदी दैनिक अखबार ‘नईदुनिया’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है ‘दैनिक जागरण’ के असोसिएट एडिटर राजीव सचान का। उनक

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘भारत का संविधान सभी नागरिकों के लिए समान आचार संहिता की बात करता है। लेकिन मजहब के नाम पर कुछ लोगों को ऐसी छूट मिली हुई है कि जिसमें संविधान की धज्जियां उड़ जाती हैं।’  हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है कि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: सिर्फ हिंदू औरतों को

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


मनोज कुमार ।। इस समय की पत्रकारिता को संपादक की कतई जरूरत नहीं है। यह सवाल कठिन है लेकिन मुश्किल नहीं। कठिन इसलिए कि बिना संपादक के प्रकाशनों का महत्व क्या और मुश्किल इसलिए नह

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘एक संपादक वक्ता ने अपनी राष्ट्रभक्ति और आत्मगौरव का निर्बाध परिचय देते हुए यहां तक कह दिया कि जो अंग्रेजी के शब्द प्रयुक्त करता है वह अपराध कर रहा है। यह भाव कुछ ऐसा ही था जैसे यह कहना कि जो भारत माता की जय नहीं कहता वह देशभक्त नहीं है।’ हिंदी दैनिक अखबार नईदुनिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहा वरिष्ठ पत्रकार एक.के.सिंह का। उनका पूरा आलेख आप यहा

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


रोमेल भावसर कोई नई बात नहीं है...अब तो आदत हो गई है सुनने की कि किसी पत्रकार की हार्ट अटैक या बैन हैमरेज से मौत हो गई है....ताजा मामला ईटीवी में साथ काम कर चुके कीर्ति पंत जी का है...38 साल की उम्र में ये अपनी छोटी सी बच्ची...परिवार और सबको छोड़कर चले गए... यह भी पढ़ें: 

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


हाल ही में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडॉणवीस ने भारत माता की जय न कहने वालों के लिए भारत में जगह नही ंहै, ऐसा बयान दिया था। उनके बयान के बाद से ये मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। एनडीटीवी के सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार जो कई मुद्दे पर अपने खुले पत्र लिखने के लिए चर्चित हैं, उन्होंने एनडीटीवी खबर डॉट कॉम पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


  जयंती रंगनाथन आज फिर प्रभु दयाल के एक करीबी मित्र ने सवाल किया--‘यह क्या यार? तुम तो बिलकुल घर में बैठ गए?’ ‘घर ना बैठूं तो कहां जाऊं? अमां रिटायर हो गया हूं

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


  ‘हर पाकिस्तानी नागरिक जिन्ना के प्रति गहरी श्रद्धा रखता है लेकिन आज के पाकिस्तान ने जिन्ना के सपनों को चूर-चूर कर दिया है।’ हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहा वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: जिन्ना अपना माथा कूट लेते

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। केंद्र सरकार के हवार्इ यात्रा के खर्चों में पिछली सरकार के मुकाबले काफी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इस सरकार के मंत्रिमंडल में सदस्यों की संख्या भी पिछली सरकार के सदस्यों की तुलना में कम है। ऐसे में इन हवाई यात्राओं पर हुए खर्चों पर सवाल उठना लाजिमी है। इसी संदर्भ में हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में वरिष्ठ

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


समाचार4मीडिया ब्यूरो मुख्यधारा की मीडिया क्या सोशल मीडिया की रिपोर्टिंग को समझ पा रहा है? सोशल मीडिया जिस तेजी से विस्तार कर रहा है, उससे हम अछूते नहीं है, लेकिन क्या हम इसको समझ पा रहे हैं? इस अहम सवाल को आजतक में कार्यरत टीवी पत्रकार पीयूष पांडे ने आगरा स्थित केंद्रीय हिंदी संस्थान में सोशल मीडिया पर आयोजित एक संगोष्ठी में

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। आईबीएन7 चैनल में कार्यरत पत्रकार दीपक पालीवाल ने विगत सप्ताह केंद्रीय हिंदी संस्थान में आयोजित संगोष्ठी में हिस्सा लेते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए क्या सोशल मीडिया एक चुनौती है, पर अपने विचार व्यक्त किए। दीपक पालीवाल ने कहा कि जब ऑनलाइन मीडिया आया तो ये कहा जाने लगा कि अखबार खत्म हो जाएंगे, लेकिन ऐ

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘अब तो हद हो गई। मुझे तेरी जय कहने में शर्म आ रही है! मादरेवतन ज़िंदाबाद सुनकर वो खिलखिलाने वाली तेरी संतान आज इतनी गिर कैसे सकती है? उसे वन्दे मातरम्, अपशब्द लगते हैं। उसे न जाने किस शैतान ने काट लिया है कि इन्सानियत बची ही नहीं’ अपने आलेख के जरिए ये कहा हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ के ग्रुप एडिटर कल्पेश याज्ञनिक का। दैनिक भास्कर में छपा उनका आलेख आप

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘अपने देश में पत्रकारिता आज़ादी के आंदोलन के दौरान ज़रूरत के लिहाज से विकसित हुई थी। पत्रकारिता के आज के विद्यार्थियों को हम यही पढ़ा रहे हैं। आज़ादी मिलने के बाद वह क्या करती, सो, आज़ादी मिलने के बाद पत्रकारिता अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को अच्छी तरह चलाने में मदद के काम पर लग गई। इसीलिए पत्रकारिता हरदम न्याय के पक्ष में खड़े रहने की बात करती है।’

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘नौ फरवरी के विवादास्पद कार्यक्रम के लिए लगाए गए पोस्टर पर ही निगाह डालिए और आपको अहसास होगा कि कुछ शक्तियों ने भारत की बुनियाद पर दबाव डालना आरंभ कर दिया है।’ हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है प्रसार भारती के अध्यक्ष ए. सूर्यप्रकाश का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: देश विरोध का फैशन

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का एक आलेख प्रकाशित हुआ, जिसमें उन्होंने चार खबरों का जिक्र किया, जिसे पढ़कर वे उदास हो गए। क्या हैं ये खबरें, पढ़िए उनका पूरा आलेख: नेताओं का दम मत घोंटिए

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago