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विचार मंच न्यूज़

‘पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर बनाने वाले नई पीढ़ी के युवकों-युवतियों के लिए ‘स्वचालित पत्रकारिता’ की यह मशीनी विधा अभी पाठ्यक्रमों का हिस्सा नहीं बनी है, लेकिन इस पर चर्चा और विमर्श जारी है। यह पत्रकारों के वैश्विक संगठन ‘इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ के अध्ययन और चिंता के विषय के रूप में भी उभरा है।’ हिंदी दैनिक अखबार नवभारत टाइम्स में छ

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपनी यूनिफॉर्म में बदलाव करते हुए खाकी रंग की हाफ पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट को शामिल किया है’ इसी संदर्भ में अपने ब्लॉग ‘कस्बा’ में वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने एक ब्लॉग लिखा है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं: साइज जीरो संघी वाया खाकी नेकर!

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘महज पुरस्कार से सम्मानित होने से टीवी पत्रकारों की साख नहीं बचेगी, टीवी स्क्रीन ब्लैक करने से अघोषित आपातकाल नहीं आएगा बल्कि अपने हित किनारे करके पत्रकारिता की साख बचानी होगी। नहीं तो ललित मोदी व माल्या देश के हजारों करोड़ रुपए लेकर भागते रहेंगे और उनके ट्वीट पर बेचैन होते रहेंगे।’ हिंदी दैनिक अखबार आई नेक्स्ट में छपे अपने आलेख के

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘ज्यादातर लोग अपने अभीष्ट कामों की सिद्धि के लिए बाबाओं के चक्कर लगाते हैं। इन लोगों के लालच का फायदा उठाते हुए कई लोग इनकी तुच्छ कामना पूर्ति के लिए कई स्वांग रच लेते हैं। ये स्वांग धीरे धीरे लोगों में अंधविश्वास के रूप में घर कर जाते हैं’ अपने ब्लॉग के जरिए ये कहना है टेलिविजन पत्रकार डॉ. प्रवीण तिवारी का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं :

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


एक नामी व्यापारिक समूह के युवा प्रबंध निदेशक ने अनौपचारिक बातचीत में मुझसे कहा था-‘कंपनी के कार्यकारी निदेशक रिश्ते में हमारे ताऊजी हैं और मैं पैर छूकर उनका अभिवादन करता हूं, लेकिन अब कामकाज के मामले उनकी बातें और पारंपरिक नीतियां मुझे कतई स्वीकार नहीं हैं। मेरी नजर में यह रवैया पाखंड ही कहा जाना चाहिए। हिंदी मैगजीन ‘आउटलुक’ के वेबपोर्टल पर पब्लिश

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘खबरों की कसौटी बदलने से विचित्र परिणाम सामने आए हैं। इस महीने के आरंभ में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को अदालत द्वारा जमानत दी गई थी। उसके बाद एक हीरो की तरह जेएनयू में उसकी वापसी हुई। उसके भड़कीले भाषण को चैनलों पर लाइव दिखाया गया। करीब-करीब सभी चैनलों ने उसका साक्षात्कार दिखाया। पूरे मामले को एक तमाशे की तरह प्रस्तुत किया गया। इससे

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक, शराब कारोबारी और राज्यसभा सांसद विजय विट्‌ठल माल्या देश छोड़कर भाग चुके हैं। उन पर 17 बैंकों का करीब 9 हजार करोड़ रुपए कर्ज है। इसी संदर्भ में वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने अपने ब्लॉग (कस्बा) पर विजय माल्या को एक खुला पत्र लिखा है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं : माल्या का भागना,

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘मैंने कुछ माह पहले लिखा था कि सरकारी पाठशालाओं और कॉलेजों का स्तर सुधारना हो तो सभी सरकारी कर्मचारियों और जन-प्रतिनिधियों के लिए यह अनिवार्य होना चाहिए कि उनके बच्चे सरकारी शिक्षा संस्थानों में ही पढ़ें। यही बात उनके इलाज पर भी लागू की जाए।’ हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है कि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘पाकिस्तान की सरकार अपनी छवि सुधारने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है। वह चाह रही है कि पठानकोट-कांड अपनी जगह लटका रहे और बातचीत शुरू हो जाए। इसीलिए उसने सदभावना का यह पैंतरा मार दिया और भारत सरकार चित हो गई।’ हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है कि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। इन दिनों चर्चा का विषय बने जेएनयू प्रकरण की मीडिया कवरेज को लेकर सरकार ने एक बार फिर ‘जिम्मेदार मीडिया’ (responsible journalism) का मामला उठाया है और आत्म नियमन (self-regulation) की जरूरत पर बल दिया है। यह मामला इसलिए भी उठ खड़ा हुआ है क्योंकि कुछ टेलिविजन चैनलों पर आरोप है कि उन्होंने इस प्रकरण की जो

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘सुरक्षा की इतनी बड़ी तैयारी भारत ने क्यों की है, यह जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे। सुरक्षा की यह चेतावनी भारत को अपने जासूसों ने नहीं दी है। यह आई है, कहां से? पाकिस्तान से। पाकिस्तानी सरकार के सुरक्षा सलाहकार नसीर खान जेंजुआ ने हमारे सुरक्षा सलाहकार अजित दोभाल को यह सूचना दी है।’ हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना ह

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘लोकतांत्रिक देश में मीडिया से दूर रहना खतरे से खाली नहीं है। सो प्रधानमंत्री जी, समय आ गया है कि पीएमओ में आप एक मीडिया टीम गठित करें, जो सवालों के जवाब दे सकें। वर्ना पत्रकार बंधु बदनाम करने के लिए मुद्दा ढूंढते रहेंगे।’ हिंदी दैनिक अमर उजाला में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ महिला पत्रकार  तवलीन सिंह का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘करीब दो साल की केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों और असफलताओं का लेखा जोखा भी भाजपा के लिए परेशानी पैदा कर रहा है और उसके हिंदुत्व कार्ड की धार भी कुंद हो गई है। ऐसे में पार्टी और संघ परिवार को एक ऐसे धारदार मुद्दे की तलाश थी जो न सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ताओं और समर्थक वर्ग में नया जोश भर सके बल्कि विपक्ष को भी जनता के बीच कटघरे में खड़ा कर सके।’  

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘आतंकवाद के गढ़ के तौर पर पाकिस्तान की बदनामी सारी दुनिया में फैल गई है। आतंकवाद के जरिए पाकिस्तान जितना नुकसान भारत का कर रहा है, उससे ज्यादा खुद का कर रहा है। पाकिस्तान की सरकार को चाहिए कि वह आम जनता को यह भी समझाए कि आतंकवाद इस्लाम के सिद्धांतों के विरुद्ध है।’ हिंदी दैनिक अखबार 'नया इंडिया' में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है कि वरिष्ठ पत्रका

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘कन्हैया की गिरफ्तारी के वक्त मैंने लिखा था कि सरकार ने जनेवि में तिल का ताड़ बना दिया है। कुछ लड़कों की बचकाना हरकत को उन्होंने अनावश्यक तूल देकर देश और दुनिया में जबर्दस्त बदनामी मोल ले ली है।’ हिंदी दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहा वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: जन

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘अपना मानना है कि नरेंद्र मोदी किसान सभाएं कर, खेती के विकास की बातें कर अपना वक्त जाया कर रहे हैं। फालतू की गलतफहमी में है कि 2009 में यूपीए सरकार इसलिए जीती थी क्योंकि गांव में मनरेगा योजना और किसानों की कर्ज माफी से मतदाता दीवाने हुए। कई अर्थशास्त्री और कांग्रेसी नेता भी इसकी थीसिस देते हैं। मगर हकीकत में 2009 में डॉ. मनमोहनसिंह की सरकार और कांग

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘राजनीतिक दलों की आपसी कटुता बढ़ती जा रही है। नेता एक दूसरे की हैसियत बता रहे हैं। एक दूसरे पर चीख रहे है। यह कितना दुखद है। किसी भी बहस में दो दल के नेता मुस्कुराते हुए एक दूसरे को संबोधित नहीं करते। सोशल मीडिया के जरिये बेइन्तहा कटुता जमीन पर भी पहुंचाई जा रही है।’ अपने ब्लॉग कस्बा के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार का। उनका पूरा ब्लॉग

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


तनवीर जाफरी वरिष्ठ पत्रकार       देश के स्वयंभू लोकतंत्र के ‘चौथे स्तंभ’ में एक भूचाल सा आया दिखाई दे रहा है। जिस मीडिया से आम जनता यह अपेक्षा रखती है

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago