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विचार मंच न्यूज़


‘काला धन क्या है? वही धन है, जिस पर आयकर नहीं दिया जाता है। 125 करोड़ के देश में मुश्किल से सवा करोड़ लोग आयकर देते हैं। इससे बड़ा मजाक क्या हो सकता है?’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वैदिक का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं:

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘डॉ. स्वामी ने ही लाल झंडा उठाए राज्यसभा में कांग्रेस की बोलती बंद करने का जिम्मा लिया हुआ है। डॉ. स्वामी ने हाल में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ धरने पर बैठे गिरि की जो हौसलाबुलंदी की और केजरीवाल से जैसे राजनैतिक तौर पर भिड़े वैसा कोई दूसरा शख्स नरेंद्र मोदी और अमित शाह के पास नहीं है।’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


 ‘अच्छा हुआ कि एंकर ने अटपटे पूरक प्रश्न नहीं पूछे, जैसे कि पत्रकार परिषद में पूछे जाते हैं। इसका लाभ यह होगा कि प्रधानमंत्री को अब अपने उत्तरों को अमल में लाकर दिखाना होगा।’ हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वैदिक का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं:

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


विष्णु शर्मा ।। टीवी पत्रकार बुझे-बुझे से रहते हो कहो ध्यान किसका है, पुरानी सड़क पर ये नया मकान किसका है?

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘यदि अंग्रेजी या कोई और विदेशी भाषा दुनिया की संपर्क भाषा बनी रहे तो इसमें कोई बुराई नहीं है। वह विदेश-व्यापार, कूटनीति, अनुसंधान आदि की भाषा रह सकती है लेकिन यदि वह किसी भी देश पर अगर थोपी जाती है तो उसके परिणाम विनाशकारी होते हैं।’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ.

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago



<p style="text-align: justify;">‘प्रधानमंत्री ने बेहद खूबसूरती से इस साक्षात्कार के सवालों के जरिए यह स्पष्ट किया कि वह स्वयं को इस 'ब्रांड की राजनीति’ से अलग ही नहीं रखते, बल्कि उन्होंने एक चेतावनी भी दी कि एक सीमा के आगे इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ हिंदी दैनिक अखबार <strong>‘नईदुनिया’</strong> में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है<strong> वरिष्

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago



‘नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा।’ हिंदी मैगजीन ‘आउटलुक’ के वेबपोर्टल पर पब्लिश हुए अपने आलेख के जरिए ये कहा प्रधान संपादक और वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने।

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


पत्रकार सारंग उपाध्याय ने भगवा आतंकवाद पर लिखे गए आईबीएन7 के पत्रकार डॉ. प्रवीण तिवारी के लेखों और रिपोर्ट्स पर एक ब्लॉग लिखा है

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘दुख तो इस बात का है कि सहारा के अन्य सभी विभागों में सब कुछ ठीक चल रहा है। अधिकारी नई नई गाड़ियां खरीद रहे है। बीमा के विज्ञापन हम हर चैनल में देख रहे हैं। बस अंधकार सिर्फ उस मीडिया डिवीजन में है, जो कभी उनका मुख्य अस्त्र हुआ करता था।’ अपने फेसबुक अकाउंट के जरिए ये कहना है कि वरिष्ठ खेल पत्रकार पद्मपती शर्मा का। उनक

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘चालीस साल पहले संघर्ष करते पत्रकार और मीडिया हाउस आपातकाल में भी दिखाई जरूर दे रहे थे...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


सज्जन चौधरी ।। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वाले दिन एक टीवी चैनल पर खबर देख रहा था, जिसमें योग न करने वालों पर एक धर्म

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘यदि पाकिस्तान के कारण चीन हमारा विरोध करता रहता तो वह बात समझ में आ सकती थी। लेकिन आश्चर्य है कि ‘ब्रिक्स’ में हमारे साथी दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील ने भी हमारा विरोध किया। हमारी विदेश नीति को लगी यह जबर्दस्त ठोकर है। इस ठोकर से ही हम कुछ सीखें।’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वैदिक का। उनका पूर

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


आदरणीय रवीश जी,          मुझे नहीं मालूम इस पत्र की शुरुआत कहां से करूं, बहुत दिन सोचने के बाद अब रहा नहीं गया इसलिए आपको ये ख

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘विदेशी पूंजी का स्वागत करने वाली सरकार को ‘दाम बांधो’ नीति बनानी होगी, रोजगार नीति लागू करनी होगी, मुनाफे की सीमा बांधनी होगी और हथियार-निर्माण पर विशेष निगरानी रखनी होगी। भारतीय किसानों, मजदूरों और कारखानेदारों का विशेष ध्यान रखना होगा। यदि इन सब बातों का ध्यान नहीं रखा गया और हमारे पांव उखड़ गए तो भारतीय संस्कृति और जीवन-पद्धति की हानि काफी गहरी

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


तरुण वत्स ।। पत्रकारिता आजकल ‘आलोचनात्मक’ हो गयी है। आप सरकार की आलोचना कर लेते हैं तो आप पत्रकार हैं और नहीं कर पाते हैं तो “भैया, कैसे पत्रकार हो?” नया शब्द चला है ‘दलाल’, मतलब पत्रकारों को ‘दलाल’ या ‘चट्टू’ कहने का। पहले ही मान लेता हूं कि हां भैया, इस पेशे के लोगों की वजह से ही ये नाम रख दिया गया है लेकिन बहुत से अभी भी ऐसे

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago