सूचना:
एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप की एक मात्र हिंदी वेबसाइट 'samachar4media.com' है और इससे मिलती जुलती वेबसाइट्स से 'समाचार4मीडिया' का कोई संबंध नही है। कुछ वेबसाइट्स 'समाचार4मीडिया' के कंटेंट का हू-ब-हू इस्तेमाल कर रही हैं, जिसे लेकर अब कानूनी सलाह ली जा रही है।

विचार मंच न्यूज़

‘कौन सही और कौन गलत यह तो नहीं पता पर इतना सच है कि जहां अंग्रेजी अखबारों की पहुंच महज तीन फीसदी लोगों तक हैं वहीं हिंदी व क्षेत्रीय भाषा के अखबारों की पहुंच देश के 97 फीसदी पाठकों तक हैं। यह बात अलग है कि जहां अंग्रेजी का मीडिया दिल्ली के लुटियन जोन व सत्ता के गलियारों में पढ़ा जाता है वहीं हिदी व क्षेत्रीय भाषा के अखबार गांव में छज्जू के चौबारे से

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


महज 12 साल की उम्र, जब बच्चे अपने पिता की उंगुली पकड़ जीवन की राह पर चलना सीख रहे होते हैं, इसी उम्र में एक बेटे ने अपने पिता खो दिया। अब यह बेटा पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। दरअसल इस बेटे ने तब लोगों जिंदगियों का बचाने का प्रण लिया, जब उसे अपने पिता की मौत की सच्चाई का पता चला। अब तक यह बेटा 35 से ज्यादा जिंदगिया बचा चुका है। दरअसल यह कहानी ह

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


ट्विटर पर बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी द्वारा मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को 'डियर' कहने पर विवाद शुरू हो गया। स्मृति ईरानी ने फेसबुक पेज पर एक लंबा चौड़ा जवाब पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि उनकी परवरिश एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुई जहां लड़कियां हर रोज स्कूल-कॉलेज से सीधे घर आती थी। उन्हें सिखाया जाता था कि राह चलते उन्हें कभी भी लड़

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


शंभुनाथ चौधरी ।। बाकी प्रोफेशनल कोर्स के बारे में तो नहीं पता, लेकिन जर्नलिज्म या मास कम्युनिकेशन की प

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘हमारी संसद के दोनों सदनों को इन विदेश-यात्राओं पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। नेता लोग सरकारी पैसे पर मजे लूटते हैं तो अफसर और जज भी क्यों न लूटें? इनसे कोई पूछे कि कहीं आपका भाषण है तो वहां आपकी पत्नी का क्या काम है? वह वहां क्या करेंगी?’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वैदिक का। उनका पूरा आलेख आप

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


देश के पहले साप्हातिक अखबार 'चौथी दुनिया' में टीवी मीडिया के चलते किस तरह आज पत्रकारों के घर पर हर परिजन न्यूज एंकर की तरह बर्ताव करने लगा है पर समाचार4मीडिया के संपादकीय प्रभारी अभिषेक मेहरोत्रा का एक व्यंग्य प्रकाशित हुआ है। हम आपके साथ उसे ज्यों का त्यों शेयर कर रहे हैं... <strong>अभिषेक मेहरोत्रा</strong> बड़ा ही अजीब जमाना आ गया है, अभी

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


&nbsp; 'कई मामलों में कुछ शब्द हिंदी में भी बांग्ला उच्चारण जैसे ही लिख दिए जाते हैं। जैसे- पानी टंकी को टेंकी, बस को बास, गाय को गोरू, नमकीन को नुनता और स्वादिष्ट को दारुण। हिंदी में दारुण अत्यंत कष्टकारी अर्थ में लिया जाता है। लेकिन बांग्ला में अत्यंत स्वादिष्ट सामग्री की प्रशंसा दारुण टेस्ट कहकर की जाती है।' <strong>हिंदी साप्ताहिक अखबार 'चौथ

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


माधवी श्री  स्वतंत्र पत्रकार मथुरा के जवाहर बाग़ में जो कुछ घटा वह हम  सबको आश्चर्यचकित कर गया कि देश के भीतर अचानक यह क्या हो गया? नेशनल मीडिया नेताओं, नौकरशाहों, पुलिस और तमाम एजेंसियों को कोसने में लग गयी। कोसा जाना उचित भी है। पर क्या मीडिया ने कभी अपने अंदर झाक कर देखा कि उसके पास यह सूचना या स्टोरी पह

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘बस यही सोच रहा हूं कि फिल्म समीक्षा के नाम पर आलोचना का धंधा कब बंद होगा? और लोग समीक्षक कहलाने के लिए अपने पूर्वाग्रह और नकल की स्टाइल से तौबा करना कब सीखेंगे?’ अपने फेसबुक अकाउंट के जरिए ये कहना है युवा पत्रकार विवेक सत्य मित्रम का। उनका पूरा पोस्ट आप यहां पढ़ सकते हैं । ऐसा उन्होंने एक नई वेबसाइट लल्लनटॉप डॉट कॉम में प्रकाशित फिल्म तीन की प्रका

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘कहां गए वो लोग? कोई हंसा क्यों नहीं पाता? अपशब्दों से भरे, प्रदूषण फैलाते कुछ विकृत जुमले अब हास्य कहे जा रहे हैं। जिन शो की काफी चर्चा हो रही है, उनमें भी बस किसी तरह, किसी न किसी का अपमान करने की एक भद्दी होड़ मची हुई है।’ हिंदी अखबार दैनिक भास्कर में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक भास्कर के ग्रुप एडिटर कल्पेश याज्ञनिक क

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘आज राज्यसभा वास्तव में नेता-सभा बन गई है। हमारी राज्यसभा नेताओं के लिए, नेताओं द्वारा, नेताओं की सभा है। नेताओं के लिए वह इस तरह है कि जो भी नेता चुनाव में हार जाएं या चुनाव लड़ने लायक न हों या जिन्हें मुख्य धारा से बाहर करना हो, यह सदन उनके लिए स्वर्ग बन गया है’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. व

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘पत्रकारिता के मूल्यों और पत्रकारीय हितों की लड़ाई के लिए भी राजेश बादल सदैव संघर्षशील रहे हैं। 1980 में छतरपुर के पत्रकारों को खबर का स्रोत नहीं बताने पर प्रशासन ने प्रताड़ित किया तो उन पत्रकारों में राजेश बादल भी शामिल थे’ हिंदी अखबार ‘सीमा संदेश’ में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहा स्वतंत्र पत्रकार रेवती रमण शर्मा ने। वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल पर उ

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


मथुरा में ऑपरेशन जवाहरबाग रिहर्सल के दौरान इंटेलिजेंस की चूक की वजह से एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष कुमार यादव शहीद हो गए। इसी संदर्भ में वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने अपने ब्लॉग ‘कस्बा’ में भारतीय पुलिस सेवा के नाम एक खुला खत लिखा है, जिसके जवाब में यूपी के एक पुलिस अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह ने भी खत लिखा है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं:

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


चंगेज खान एक बेहद प्रगतिशील व कुशल शासक थे। उस समाज में 'खान' की उपाधि का अर्थ था महान नेता। यह उपलब्धि उन्होंने शौर्य, पराक्रम व कुशल नेतृत्व से हासिल की थी। ऐसा कहा है जेडीयू के राज्यसभा सांसद के.सी.त्यागी ने आज हिन्दुस्तान अखबार में छपे अपने एक लेख के जरिए। हम आपके साथ उनका ये लेख ज्यों का त्यों शेयर कर रहे हैं... <strong>एक अद्भुत योद्धा, जि

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


मथुरा में ऑपरेशन जवाहरबाग रिहर्सल के दौरान इंटेलिजेंस की चूक की वजह से एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष कुमार यादव शहीद हो गए। इसी संदर्भ में वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने अपने ब्लॉग ‘कस्बा’ में भारतीय पुलिस सेवा के नाम एक खुला खत लिखा है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं: प्रिय भारतीय पुलिस सेवा (उत्तर प्रदेश),

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘आज अगर मोदी सरकार की कई स्कीमों के जमीनी असर नहीं दिख रहे हैं तो उसकी वजह यह है कि बैंकों की वित्तीय हालत इन्हें लागू करने लायक है ही नहीं।’ अपने ब्लॉग अर्थात के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार अंशुमान तिवारी का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: अबकी बार बैंक बीमार

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘टीवी चैनलों की तरह बेतुकी बातों पर वक्त की बर्बादी करने में हमारी अदालतें भी अपना अच्छा-खासा योगदान देने में लगी हुई हैं। आए दिन देश के किसी न किसी हिस्से में कोई न कोई किसी हस्ती के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाता है। मसला चाहे जितना सतही हो, अक्सर ऐसे लोगों के लिए अदालतों के दरवाजे खुले मिलते हैं।’ हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ में छपे अपने आलेख के जर

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


‘सच यह है कि मुहम्मद अली का कद इतना ऊंचा हो गया था कि उनके देश के राष्ट्रपति भी उनके सामने पानी भरते थे। जाहिर है, इस तरह की शख्सियत के न रहने से दुनिया हिल तो गई है।’ हिंदी अखबार दैनिक जागरण में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है स्तंभकार विवेक शुक्ला का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: एक नायक की विदाई

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago