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विचार मंच न्यूज़

मनोज कुमार उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने के अनेक उपक्रम संचालित हो रहे हैं। केन्द्र से लेकर

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


संजय द्विवेदी उदारीकरण और भूमंडलीकरण की इस आंधी में जैसा मीडिया हमने बन

समाचार4मीडिया ब्यूरो 8 years ago


न्यूज मीडिया के अंदर लगातार मजबूत होते अंडरवर्ल्ड के रिश्तों और इसके प्रति मीडिया कितनी जिम्मेदारी है, इस पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने एक ब्लॉग लिखा है, जिसे एनडीटीवी के वेबपोर्टल पर जगह दी गई है। इसे आप यहां भी पढ़ सकते हैं: ग्लोबल दंतकथाएं अंडरवर्ल्ड की, मीडिया भी जिम्मेदार...

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘मेडिकल की पढ़ाई अंग्रेजी में तत्काल बंद हो। विदेशी भाषाओं में होनेवाले शोध-कार्यों का फायदा हम जरुर उठाएं लेकिन अपने देश की चिकित्सा पढ़ाई और चिकित्सा-सेवा अपनी भाषा में ही हो।’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं : मेडिकल की पढ़ाई

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


समाचार4मीडिया ब्यूरो ।। मोस्ट वॉन्टेड डॉन और दाऊद इब्राहिम के पुराने साथी छोटा राजन को इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया। छोटा राजन को बाली के एक मशहूर रिजॉर्ट से गिरफ्तार किया गया हैं। इसी संदर्भ में वरिष्ठ पत्रकार मिलिंद खांडेकर ने ट्विटर पर ट्वीट किया जिसके बाद वे भाजपा समर्थकों के निशाने पर आ गए। फेसबुक पर उन्होंने एक लेख के

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने सोमवार को एक किताब के विमोचन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर हमला बोला। शौरी ने कहा कि मोदी सरकार दिशाहीन है, जो सुर्खियां बटोरने में जुटी है, न कि अर्थव्यवस्था सुधारने में। उन्होंने कहा कि ये अब तक का सबसे कमजोर प्रधानमंत्री कार्यालय है जहां कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे किसी तरह की विशेषज

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘मीडिया हाउसों की साख खबरों से इतर टर्न ओवर पर टिकी है। सेल्स या मार्केटिंग टीम न्यूज रूम पर भारी पड़ने लगी, तो संपादक भी मैनेजर से होते हुए पूंजी बनाने और जुगाड़ कराने से आगे निकलते हुए सत्ता से वसूली करते हुए खुद में ही सत्ता बनने के दरवाजे पर टिका।’ अपने ब्लॉग (prasunbajpai.itzmyblog.com) के जरिए ये कहा वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी का। उन

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘सबसे पहले तो पाकिस्तान की सारी अदालतों को ही अपना काम-काज उर्दू तथा अन्य स्थानीय भाषाओं में करना चाहिए। पाकिस्तान की शिक्षा, प्रशासन, विधि-निर्माण, घर-द्वार-बाजार सब जगह से अंग्रेजी का एकाधिकार खत्म होना चाहिए। पाकिस्तान अपने आपको भारत से बेहतर समझता है तो इस मामले में ज़रा भारत से आगे निकलकर दिखाए।’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपने अपने आले

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘मीडिया अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए उस सच को दिखा रही है जो दरअसल घटा ही नहीं। अकसर बात का बतंगड़ बना देता है मीडिया। आपने क्या कहा और मीडिया ने उसे क्या बता दिया, इन दोनों में जमीन-आसमान का अंतर होता है।’ हिंदी दैनिक अखबार हरिभूमि में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहा वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं:

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि साढ़े तीन साल बाद या उसके पहले ही जब यह सरकार अपने घर बैठ जाएगी, तब लोग पूछेंगे कि संघ की शाखाओं में स्वयंसेवकों को सिर्फ हाथ-पांव चलाना सिखाया जाता है, दिमाग चलाना क्यों नहीं सिखाया जाता? क्या हिंदू राष्ट्र का निर्माण इसी तरह होगा?’ हिंदी अखबार दैनिक भास्कर में छपने अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ.

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘संघ परिवार के गले में मुन्नवर का सम्मान लौटाना हड्डी फंसने सरीका हो गया। क्योंकि अकादमी सम्मान लौटाने वालों की फेहरिस्त में मुन्नवर राणा पहला नाम थे, जिन्हें साहित्य अकादमी सम्मान देश में सत्ता परिवर्तन के बाद मिला।’ अपने ब्लॉग (http://prasunbajpai.itzmyblog.com/) के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी का। उनका पूरा ब्लॉग आप यहां प

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


जानी-मानी बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का कहना है कि भारत में ज्यादातर सेक्युलर हिंदू विरोधी और मुस्लिम समर्थक हैं। तस्लीमा ने यह बयान हाल ही में कई भारतीय लेखकों द्वारा अपने पुरस्कार लौटाए जाने के संदर्भ में दिया है। उनके इस बयान के संदर्भ में वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का एक आलेख ‘नया इंडिया’ में प्रकाशित हुआ, जिसे हम अपने पाठकों के

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


संजय द्विवेदी देश में बढ़ती तथाकथित सांप्रदायिकता से संतप्त बुद्धिजीविय

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘हमारे साहित्यकार खुद बड़े अवसरवादी और दब्बू लोग हैं। पुरस्कारों और सम्मानों के लिए मामूली नेताओं और अफसरों के तलवे चाटते फिरते हैं। अब वे भारत में तानाशाही की शिकायत करते हैं। मोदी की दादागीरी का दबे-छिपे ढंग से इशारा करते हैं। साफ लिखने और बोलने की हिम्मत उनमें नहीं है। यदि उन्हें मोदी या उसकी पार्टी या उसके समर्थकों पर गुस्सा है तो उसे लिखकर, बो

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘हिंदी के बड़े तुरर्म खां अखबारों के लिए राजनैतिक मोर्चे पर स्थाई तौर पर सूखा बन गया है। मीडिया के मालिकों को भाजपा से कमाई की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। और जब सत्तारूढ़ पार्टी सूखा रखेगी तो विरोधी पार्टियों से तो वैसे ही कुछ नहीं मिलना है।’ हिंदी दैनिक अखबार नया इंडिया में छपे अपने आलेख के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार व संपादक हरिशंकर व्यास का। उनक

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘इखलाक की हत्या के मुद्‌दे को हमारे नेताओं-साहित्यकारों ने ऐसा रूप दे दिया है, जिससे विदेशों में भारत की छवि विकृत हो रही है। विदेशी टीवी चैनलों-अखबारों ने मुझसे बात करते हुए जैसे प्रश्न किए उनसे लगता था कि वर्तमान सरकार ने सारे देश को सांप्रदायिकता की भट्‌ठी में झोंक दिया है।’ हिंदी अखबार नया इंडिया के जरिए ये कहना है वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रता

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘कलाकारों से यह उम्मीद करना कि वे राजनीति में सीधी दखलंदाजी करें, ज़रा ज्यादती है। बेहतर हो कि हम कला को राजनीति के दलदल में न घसीटें।’ हिंदी दैनिक अखबार 'नया इंडिया' के जरिए ये कहना है डॉ. वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: <strong> गुलाम अली: शिवसेना का कुतर्क</strong> <a href="http://www.samachar4media.

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago


‘अब जबकि तीसरे चरण की तैयारी है, जिसके जरिये रेडियो 1,100 कस्बों तक पहुंच जाएगा, सरकार और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को राजस्व के बजाय इस पर भी ध्यान देना चाहिए।’ बिजनेस स्टैंडर्ड में छपे अपने के जरिए ये कहना है कॉलमिनिस्ट वनिता कोहली-खांडेकर ने। उनका पूरा आलेख आप यहां पढ़ सकते हैं: रेडियो नीलामी की क्या है जरूरत और मकसद?

समाचार4मीडिया ब्यूरो 9 years ago